वित्त मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान

 

शोध

एन.आई.पी.एफ.पी. लोक अर्थशास्त्र और नीति में एक प्रमुख शोध संस्थान है।संस्थान ने राजस्व और कराधान, राजकोषीय प्रबंधन, लोक व्यय, मैक्रो आर्थिक नीतियों, राजकोषीय संघवाद और अन्य नीतिगत मुद्दों के क्षेत्रों में केंद्र और राज्य स्तर पर महत्वपूर्ण अनुसंधान का योगदान दिया है। भारत में लोक अर्थशास्त्र और नीति पर सबसे बड़ा प्रबुद्धमंडल होने के नाते, संस्थान को इन क्षेत्रों में अनुसंधान की भारी मांग को पूर्ण करना पड़ता है। अधिकांश अध्ययन भारत में केंद्र और राज्य सरकारों, द्विपक्षीय तथ। बहुपक्षीय संस्थानों द्वारा समर्थित हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोगात्मक अनुसंधान भी किया जाता है ।संस्थान ने कुछ देशों की सरकारों के अनुरोध पर उनके लिए भी अनुसंधान किया है। प्रायोजित अध्ययनों के अलावा एन.आई.पी.एफ.पी. के संकाय अपनी रुचि के क्षेत्रों में अनुसंधान अध्ययन भी करते हैं । ...

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प्रशिक्षण

एन.आई.पी.एफ.पी. लोक नीति और लोक अर्थशास्त्र के विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के प्रतिभागियों में भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के सरकारी अधिकारी, विश्वविद्यालय और कॉलेज के शिक्षक, शोधकर्ता और पत्रकार शामिल होते हैं । सरकारी अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सरकारी सेवाओं में परिवीक्षाधीन और भारत और विदेश दोनों के सेवाकालीन अधिकारी शामिल होते हैं । प्रशिक्षण कार्यक्रम विशेष रूप से प्रतिभागियों की आवश्यकताओं के अनुरूप होते हैं और विशिष्ट विषयों से संबंधित होते हैं । हाल के वर्षों में आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सूची यहां देखी जा सकती है। जबकि अधिकांश कार्यक्रम संस्थान के परिसर में आयोजित किए गए हैं (इस उद्देश्य के लिए पर्याप्त बुनियादी ढांचा संस्थान में उपलब्ध है), एन.आई.पी.एफ.पी. के ऐसे कई उदाहरण हैं जो मांग पर कहीं और ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम देते हैं ...

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नीतिगत समर्थन

एन.आई.पी.एफ.पी. न केवल अनुसंधान के माध्यम से बल्कि केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न समितियों और आयोगों में प्रतिनिधित्व के माध्यम से भी लोक नीति निर्माण के लिए अपना योगदान प्रदान करता है। एन.आई.पी.एफ.पी. ने अप्रत्यक्ष कराधान जांच आयोग, आर्थिक प्रशासन सुधार आयोग, कर-सुधार आयोग, भारत में घरेलू व्यापार करों के सुधार पर विशेषज्ञ-समूह, सेवाओं के कराधान पर विशेषज्ञ-समूह, वैट की शुरूआत पर विशेषज्ञ-समूह की नीतिगत सिफारिशों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। हाल ही में संस्थान ने वित्तीय क्षेत्र विधायी सुधार आयोग (एफ.एस.एल.आर.सी.) के लिए मूलभूत अनुसंधान में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और राज्यों के वित्तमंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के अनुरोध पर राजस्व तटस्थ जीएसटी दरों का अनुमान लगाया है। एन.आई.पी.एफ.पी. संकाय के सदस्यों ने भारत सरकार द्वारा गठित विभिन्न वित्त आयोगों के सदस्यों और सलाहकारों के रूप में भी काम किया है। कई नीति संबंधी मुद्दों पर संस्थान के काम के लिए बजट भाषणों में वित्त मंत्रियों द्वारा की गयी सराहना, नीति निर्माण में एन.आई.पी.एफ.पी. के महत्व का प्रमाण है। ...

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